हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने फरमाया,इस्लामी बेदारी ने इस्लामी दुनिया के केंद्र में एक हैरतअंगेज़ व करिश्माती हक़ीक़त पैदा कर दी है जिससे साम्राज्यवादी ताक़तें बुरी तरह परेशान हैं।
इस चीज़ का नाम रेज़िस्टेंस है और इसकी हक़ीक़त ईमान, जेहाद और अल्लाह पर भरोसे की ताक़त है। ये वही चीज़ है जिसके एक नमूने के बारे में इस्लाम के शुरुआती दौर में यह आयत नाज़िल हुई थीः वो कि जिनसे लोगों ने कहा कि लोगों ने तुम्हारे ख़िलाफ़ बड़ा लश्कर इकट्ठा कर लिया है,
इसलिए तुम उनसे डरो, तो इस बात ने उनका ईमान और बढ़ा दिया और उन्होंने कहा कि हमारे लिए अल्लाह काफ़ी है और वह अच्छा कारसाज़ है। तो ये लोग अल्लाह के करम से इस तरह अपने घरों की तरफ़ लौटे कि उन्हें किसी क़िस्म की तकलीफ़ ने छुआ भी नहीं था,
वे अल्लाह की मर्ज़ी के पाबंद रहे और अल्लाह बड़े फ़ज़्ल व करम वाला है। (सूरए आले इमरान, आयत 173, 174) फ़िलिस्तीन के मैदान में इस हैरतअंगेज़ चीज़ की एक झलक दिखाई देती है।
जिसने सरकश ज़ायोनी शासन को आक्रामकता और ललकारने की पोज़ीशन से निकाल कर रक्षात्मक और पीछे हटने की पोज़ीशन में पहुंचा दिया है और उस पर आज सियासी, सेक्युरिटी और इकानामिक मुश्किलें थोप दी हैं।
इमाम ख़ामेनेई,